Inflation in India


"महंगाई की महाभारत"

आजकल ये महंगाई, ऐसे बोल, बोल रही है,
जिसे देखकर मेरे नीचे की ज़मीन डोल रही है !!

लेने जाता हूँ सेब घर से, आता हूँ लेकर केला,
कैसी है ये उल्फत महंगाई और कैसा है ये झमेला !!

आजकल सब्जिया लेने में ही दम निकल जाता,
देखकर हलवाई की दूकान पर मिठाई,
मैं मुह में आये पानी को ही गल जाता !!

पहले सोचते थे की,
बच्चों की इंजीनियरिंग में लगेंगे खूब पैसे !
आजकल तो प्रायमरी स्कूल में भी,
मिलते है एडमिशन जेसे तेसे !!

नौकरी मिलेगी जेसे तेसे,
बहोत दूर की बात है प्रमोशन !
आजकल तो प्रायमरी स्कूल में ही,
लग जाता २-३ लाख डोनेशन !!

डॉक्टर की फीस और दवाई के कारण,
अस्पताल जाने से भी डरता हूँ !
पता है लगेंगे हज़ारो में पैसे,
इससे अच्छा, चैन से, अपने ही घर में मरता हूँ !!

रहता हूँ हाई सोसाइटी में,
कैसे संभालू पेट्रोल का खर्चा !
भावसार के बेटे जाते है स्कूल पैदल,
सोसाइटी में आजकल, बस होती यही चर्चा !!

महंगाई की इस निर्दयता के आगे,
मैं तो बस लाचार हुआ !
सपनों में ही खुश हो लेता,
और सपनों में ही खा लेता मालपुआ !!

!!जय हिंद !! जय भारत !!
कब होगी बंद ये - महंगाई की महाभारत !!

By - Nitin Bhavsar
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1 Comments

Nitin Bhavsar said…
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