स्कूल में जब पड़ता था
तब रोज़ राष्ट्रगान गाता था
खतम होते ही राष्ट्रगान
भारत माता कीं जय
ज़ोर ज़ोर से, 3 बार चिल्लाता था ..
जैसे-जैसे जवानी आयीं
हाँथों में डिग्री और बायोडाटा था
लेकिन भगत सिंह कीं राह अलग थी
वो हर-पल, पल-पल केवल
भारत कीं आज़ादी चाहता था
हँसते-हँसते चढ़ गया सूली
लुटा गया जवानी अपनी
वो हमारा अपना “भगत सिंह”
भारत माँ भी जिसकी क़र्ज़दार
मेरे देश और देशवासियों का शहज़ादा था
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