#MobLynching
हिंदू तू बस सोया रे
मोह माया में खोया रे
करोड़ों की भीड़ में
थोड़े ही तो मरते है
तूने तो हर समय
सिर्फ़ शांतिबीज बोया रे
तेरे कई रूप है
सोच के भी कई स्वरूप है
मन-मानसिकता में अंधेरा
चहरे पर खुद की ख़ैरियत की ख़ुशी
तू समर्थ तू ही बस अभिरुप है
जो लड़ा धर्म के लिए
तेरे लिए वो ग़रीब और कुरूप है
हिंदू तू बस सोया रे
मोह माया में खोया रे
तू है पढ़ा-लिखा
बस तू ही समझदार है
मरने के लिए गया अकेला?
क्या ज़रूरत थी मुँह लगने की?
हर तर्क पर वितर्क हाज़िर है
बस तू ही ज्ञान का सागर
बाक़ी तो सब बेकार है
मॉब लिंचिंग भी भला
तुझे कहाँ सताती है
तू बस अपनी सूद में खोया रे
क्या फ़र्क़ पड़ता है
तेरा कोई अपना रिश्तेदार थोड़े मरा
जिसका जो भी मरा
वो उसके ग़म में रोया रे
हिंदू तू बस सोया रे
मोह माया में खोया रे
तेरी एकता कब जागेगी
कब तू एक साथ
किसी दर्द में रोया रे
सुधर जा वक्त है अभी
क्यूँ है अपने आप में खोया रे
हिंदू तू मत सोया रे
मोह माया में मत खोया रे
पूछ अपने आप से
हिंदू धर्म-रक्षा का भार
तूने कब खुद से ढोया रे
हिंदू तू मत सोया रे
हिंदू तू मत खोया रे..
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