#आत्महत्या
संगीन अपराध है,
इस तरह अपनों को छोड़ जाना ।
मरना तो सभी को है एक ना एक दिन,
क्या जायज़ है इस तरह मौत को गले लगाना ?
अरे मौत तो खुद प्यार करती है ज़िंदगी से,
एक ना एक दिन लेने आ ही जाएगी ।
पर क्या जायज़ है, यूँ इस तरह
अपने माँ-बाप, परिवार, दोस्तों को रुलाना ?
संघर्ष, तकलीफ़, दर्द, सुख-दुःख,
यही तो ज़िंदगी है ।
फिर क्यूँ भला कायरों की तरह,
अपना अस्तित्व मिटाना ।
खुद के लिए नहीं, तो कम से कम,
अपनों के लिए ही ये जीवन जीं लो ।
खुद की तो सासें बंद कर लोगे तुम,
पर अपनों को भला जीते जी क्यूँ मार जाना 🙏🏻
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